गरीबी की थीम पर सिर्फ 84 करोड़ में बनी 'पैरासाइट', दुनियाभर में 1157 करोड़ रुपए कमाए, 4 ऑस्कर भी जीते

 दक्षिण कोरियाई फिल्म 'पैरासाइट' ने 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स में बेस्ट पिक्चर समेत चार बड़े अवॉर्ड अपने नाम किए। ऑस्कर के इतिहास में बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड जीतने वाली यह पहली नॉन-इंग्लिश फिल्म है। महज 84 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने कई बड़े बजट की फिल्मों की पछाड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया। इनमें अमेरिकी फिल्म 'जोकर', ब्रिटिश वॉर एपिक ड्रामा '1917' और ब्रिटिश-अमेरिकी फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड' शामिल हैं, जिनका बजट क्रमशः 393 करोड़, 714 करोड़ और 643 करोड़ रुपए था। 


बजट से 14 गुना कमाई की थी


बॉन्ग जून हो के निर्देशन में बनी 'पैरासाइट' को  क्वाक सिन ऐ ने प्रोड्यूस किया था। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को जबर्दस्त सफलता हासिल हुई थी। फिल्म ने वर्ल्डवाइड बजट से 14 गुना (1157 करोड़ रुपए) कमाई की थी। खास बात यह है कि इसमें घरेलू बॉक्स ऑफिस का सिर्फ 21.8 फीसदी हिस्सा (करीब 253 करोड़ रुपए)  है। जबकि कमाई का बाकी 78.2 फीसदी हिस्सा (904 करोड़ रुपए) दुनिया के बाकी देशों से आया है। 


'जोकर', '1917' और 'वन्स अपॉन...'

























फिल्मघरेलू बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शनवर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन
जोकर2393 करोड़ रुपए7656 करोड़ रुपए
1917947 करोड़ रुपए2052 करोड़ रुपए
वन्स अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड1017 करोड़ रुपए2653 करोड़ रुपए


ऑस्कर में पैरासाइट का रिजल्ट 66.6 फीसदी


ऑस्कर में 'पैरासाइट' का रिजल्ट 66.6 फीसदी रहा। दरअसल, इस फिल्म को 6 कैटेगरीज बेस्ट पिक्चर, बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म, बेस्ट डायरेक्शन, बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले,  बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन और बेस्ट एडिटिंग में नॉमिनेट किया गया था। इनमें से शुरूआती चारों फिल्म ने अपने नाम किए। जबकि बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन का अवॉर्ड 'वन्स अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड' और बेस्ट एडिटिंग का अवॉर्ड 'फोर्ड एंड फरारी' को मिला। 


पैरासाइट की कहानी


फिल्म 'पैरासाइट' की कहानी बहुत ही मार्मिक है और इसमें समाज व्यवस्था पर तंज कसा गया है। कहानी दो दक्षिण कोरियाई परिवारों के साथ आगे बढ़ती है। ये शहर में रहते हैं और दोनों परिवारों में एक बेहद अमीर जबकि दूसरा गरीब है। दोनों परिवार रोजमर्रा के संघर्ष से मुकाबला करते हैं, लेकिन दोनों की जरूरतें बिल्कुल अलग हैं। कुल मिलाकर फिल्म में परिवार, रईसी, दिखावे और बदले की भावना को संवेदनशीलता के साथ से परदे पर उतारती है।